दीपक रावत की छापेमारी: डॉक्टर दो दिन ड्यूटी पर, हाजिरी पूरे महीने की?

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दीपक रावत: हल्द्वानी के ओखलढूंगा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में तैनात डॉ. सोहित चंद्रा ने जुलाई महीने में केवल दो दिन ही ड्यूटी की। हालांकि, उपस्थिति पंजिका में उनकी पूरे महीने की हाजिरी दर्ज की गई। यह मामला तब सामने आया जब कमिश्नर दीपक रावत ने शुक्रवार को पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। ओपीडी और हाजिरी रजिस्टर के मिलान में पता चला कि डॉक्टर की अनुपस्थिति के बावजूद उनकी उपस्थिति दर्ज की गई है।

अस्पताल के वार्ड बॉय पर आरोप

पूछताछ में सामने आया कि अस्पताल का वार्ड बॉय नंदन सिंह डॉक्टर की उपस्थिति दर्ज करता है। फार्मासिस्ट जगमोहन उप्रेती ने इसकी पुष्टि की। इसके अलावा, अस्पताल में तैनात पर्यावरण मित्र की भी उपस्थिति कम पाई गई, जिस पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

ग्रामीणों ने जताई समस्याएं

निरीक्षण के दौरान, ग्रामीणों ने न्याय पंचायत ओखलढूंगा में बिजली के बिल तीन महीने से नहीं मिलने और लाइनमैन को आठ माह से मानदेय नहीं दिए जाने की शिकायत की। इस पर कमिश्नर ने मुख्य अभियंता विद्युत को 15 दिन के भीतर समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए।

जल जीवन मिशन के कार्यों में भी खामियां

हल्द्वानी-हैड़ाखान रोड के निरीक्षण के दौरान, आयुक्त ने जल जीवन मिशन के कार्यों का भी जायजा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि पसोला में पाइप लाइन बिछाई गई है और घरों में नल भी लगाए गए हैं, लेकिन पानी की सप्लाई अब तक शुरू नहीं हुई है। इस पर जल निगम के ईई ने बताया कि पंप हाउस में कुछ कार्य बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

वैकल्पिक मार्ग की जरूरत

आयुक्त ने लोनिवि नैनीताल के अधिकारियों को विजयपुर-पहाड़पानी पैदल मार्ग को मोटरेबल मार्ग में अपग्रेड करने का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान जब हैड़ाखान मार्ग से ग्रामीणों का संपर्क टूट जाता है, तब यह मार्ग लाइफ लाइन का कार्य करेगा।

दुग्ध उत्पादकों ने की विशेष मांग

रौसिल गांव के दुग्ध उत्पादकों ने कमिश्नर दीपक रावत से मांग की कि दूध लेने की व्यवस्था लालकुआं से ही कराई जाए। वर्तमान में, काठगोदाम के जंगल में तीन किमी सड़क टूटने के कारण ग्रामीणों को खनस्यू पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को रात में तीन बजे उठकर जंगल के रास्ते से डेयरी पहुंचना होता है, जिससे वन्यजीवों का खतरा बना रहता है।

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