कॉलेज प्रवेश के लिए काउंसलिंग के दौरान छात्रों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। COMED-K की तीसरी राउंड की काउंसलिंग समाप्त होने के करीब है, जबकि कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉरिटी (KEA) ने अभी तक CET सीट आवंटन की पहली राउंड भी शुरू नहीं की है। CET सीट आवंटन की घोषणा 1 सितंबर को शाम 6 बजे तक होनी थी, लेकिन COMED-K की काउंसलिंग पहले से ही आगे बढ़ रही है। इस असमंजस से उन छात्रों में नाराजगी बढ़ रही है जो सरकारी या सरकारी कोटा सीटों की उम्मीद कर रहे हैं।
CET परिणाम आने से पहले ही COMED-K काउंसलिंग का समापन
COMED-K की तीसरी राउंड की काउंसलिंग CET परिणामों की घोषणा से पहले समाप्त होने वाली है, जिससे सरकारी या सरकारी कोटा सीटों की चाहत रखने वाले छात्र असमंजस में हैं। इस टकराव के कारण छात्रों को सही निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि उनके पास CET के परिणाम नहीं हैं। छात्र और उनके माता-पिता सरकार से COMED-K की तीसरी राउंड को CET काउंसलिंग शेड्यूल के साथ समन्वित करने की मांग कर रहे हैं। यह टकराव प्रक्रिया की समन्वय की कमी को उजागर करता है और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
निजी कॉलेजों की फीस और AICTE की समयसीमा
वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए, निजी कॉलेजों ने अलग-अलग श्रेणियों के तहत अपनी फीस तय की है। सरकारी कोटा के प्रवेश के लिए फीस 84,000
है, जबकि COMED-K में यह फीस
1.84 लाख है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने निर्देश दिया है कि सीट आवंटन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद कक्षाएं 15 सितंबर से शुरू होनी चाहिए। COMED-K के कार्यकारी निदेशक, डॉ. एस कुमार ने कहा कि CET उम्मीदवारों को सीट खाली होने पर पूरी तरह से रिफंड दिया जाएगा, जिससे देरी के संभावित वित्तीय प्रभावों को दूर किया जा सके।
छात्र और अभिभावकों की मांग: समयसारणी में सुधार की आवश्यकता
छात्रों की चिंता है कि CET और COMED-K की काउंसलिंग प्रक्रियाओं के बीच यह असंगति उनके कॉलेज प्रवेश को प्रभावित कर सकती है। CET उम्मीदवार रमेश कुमार ने कहा, “मैं अपने कॉलेज के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए CET परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। यह बहुत ही निराशाजनक है कि COMED-K काउंसलिंग हमारे CET परिणामों से पहले ही आगे बढ़ रही है। इस भ्रम ने हमारे अकादमिक भविष्य की योजना को कठिन बना दिया है।”
इसी प्रकार, एक अन्य प्रभावित छात्र, प्रिया शर्मा ने कहा, “हम सरकारी सीट आवंटन और काउंसलिंग शेड्यूल के संरेखण में असफल रहने से एक मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि किसी कॉलेज के लिए प्रतिबद्ध होने से पहले हमारे विकल्पों की एक स्पष्ट तस्वीर होगी, लेकिन अब हमें अपूर्ण जानकारी के आधार पर निर्णय लेना पड़ रहा है। हम CET और COMED-K प्रक्रियाओं के बीच बेहतर समन्वय की मांग कर रहे हैं ताकि इन टकरावों से बचा जा सके।”
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