हाल ही में ओलंपिक रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने राजनीति की दुनिया में कदम रखते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली है। यह महत्वपूर्ण घटना शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई, जहां दोनों पहलवानों ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। हालांकि, इस निर्णय को लेकर एक अन्य प्रमुख रेसलर साक्षी मलिक ने इशारों में आलोचना की है। उन्होंने साफ कहा कि यह उनका निजी फैसला है, लेकिन आंदोलन को गलत रंग न दिया जाए।
साक्षी मलिक की प्रतिक्रिया: आंदोलन को न दें गलत रंग
विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के बाद साक्षी मलिक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत फैसला हो सकता है, लेकिन इसके चलते कुश्ती आंदोलन को गलत दिशा में नहीं ले जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्हें भी राजनीति में जाने के कई बड़े ऑफर मिले थे, लेकिन उन्होंने उन्हें ठुकरा दिया। साक्षी का कहना है, “मेरा मकसद पॉलिटिक्स करना नहीं है। मैं अब भी रेसलिंग और महिलाओं के लिए काम करूंगी।”
साक्षी ने स्पष्ट किया कि उनका फोकस केवल रेसलिंग और महिलाओं के अधिकारों पर ही रहेगा। उन्होंने कहा, “मैं मानती हूं कि हमें त्याग करना चाहिए।”
कुश्ती महासंघ के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा
साक्षी मलिक ने यह भी कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई अब भी जारी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह लड़ाई केवल उनके लिए नहीं बल्कि सभी महिलाओं के लिए है। उन्होंने कहा, “हमारा आंदोलन जारी रहेगा जब तक कुश्ती महासंघ को साफ-सुथरा नहीं कर लिया जाता और बहन-बेटियों का शोषण बंद नहीं हो जाता।”
साक्षी ने बताया कि उन्हें कई बड़े ऑफर मिले थे, लेकिन उनका ध्यान हमेशा कुश्ती और महिलाओं के हितों पर ही केंद्रित रहा है। उनका मानना है कि उनकी लड़ाई का उद्देश्य एक साफ-सुथरी और निष्पक्ष कुश्ती महासंघ बनाना है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस की राजनीति के शिकार हुए हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों पहलवानों के इस निर्णय को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह उनके करियर के लिए सही निर्णय नहीं हो सकता है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने इस घटनाक्रम पर कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को बहुत बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को राजनीति में आना चाहिए, खासकर हरियाणा जैसे राज्य से, जहां युवाओं की संख्या काफी अधिक है। शर्मा का मानना है कि यह कदम कांग्रेस पार्टी के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है, और युवाओं को प्रेरित कर सकता है।
क्या राजनीति में करियर बनाएंगे विनेश और बजरंग?
यह देखना दिलचस्प होगा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का यह निर्णय उनके भविष्य के करियर पर क्या असर डालता है। जहां एक तरफ साक्षी मलिक ने अपने राजनीतिक ऑफर्स को ठुकरा दिया, वहीं दूसरी ओर विनेश और बजरंग का यह कदम उनके जीवन में एक नया मोड़ ला सकता है। दोनों पहलवानों का कांग्रेस में शामिल होना क्या उनकी कुश्ती के करियर पर प्रभाव डालेगा या वे इसे एक साथ संतुलित कर पाएंगे, यह समय ही बताएगा।
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