Telegram Banned: टेलीग्राम के सीईओ पावेल ड्यूरोव की फ्रांस में गिरफ्तारी के बाद से 24 वर्षीय “क्रिप्टो कोच” और वीडियो गेम स्ट्रीमर जुली वाविलोवा के लापता होने की खबरें सामने आ रही हैं। ड्यूरोव, जो 2014 में रूस छोड़कर भाग गए थे, को फ्रांस के ले बुरगेट हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद से वाविलोवा के परिवार को उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है, जिससे उनकी सुरक्षा और स्थिति को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है।
पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
पावेल ड्यूरोव एक प्रमुख टेक उद्यमी हैं, जिन्होंने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप की स्थापना की थी। 2014 में रूस छोड़ने के बाद से वे कई देशों के कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। फ्रांसीसी आंतरिक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए वारंट के अनुसार, ड्यूरोव पर नाबालिगों के खिलाफ कथित अपराधों, वैश्विक ड्रग तस्करी, और बाल शोषण में उनकी संलिप्तता के आरोप लगे हैं। ये आरोप टेलीग्राम के उपयोग और इस प्लेटफॉर्म पर की जाने वाली गतिविधियों के कारण लगाए गए हैं, जिसमें प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किए गए अवैध लेनदेन भी शामिल हैं।
वाविलोवा की सोशल मीडिया गतिविधियों का प्रभाव
फ्रांसीसी प्राइवेसी डेटा रिसर्चर बपतिस्त रॉबर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण बात पर ध्यान दिलाया है। रॉबर्ट के अनुसार, जुली वाविलोवा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जो पोस्ट्स साझा की थीं, वे ड्यूरोव की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। वाविलोवा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने और ड्यूरोव के साथ यात्रा की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें अज़रबैजान और उज्बेकिस्तान में उनकी यात्रा के दौरान के कई प्रमुख स्थान शामिल थे।
रॉबर्ट का कहना है कि वाविलोवा की पोस्ट्स से ड्यूरोव के मूवमेंट्स का एक स्पष्ट पैटर्न तैयार किया जा सकता था, जिससे उनके ठिकाने का पता लगाना आसान हो गया। यह संभव है कि वाविलोवा की इन पोस्ट्स ने अनजाने में ही ड्यूरोव की गिरफ्तारी को संभव बनाया हो। हालांकि, इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि वाविलोवा की सोशल मीडिया गतिविधियों ने सीधे तौर पर ड्यूरोव की गिरफ्तारी में योगदान दिया हो।
वाविलोवा और ड्यूरोव के बीच संबंध की गुत्थी
वाविलोवा और ड्यूरोव के बीच संबंध के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट्स से यह साफ है कि वे दोनों एक-दूसरे के काफी करीबी थे। वाविलोवा के कई पोस्ट्स में उन्हें और ड्यूरोव को एक साथ यात्रा करते और विभिन्न स्थानों पर समय बिताते हुए दिखाया गया है।
एक पोस्ट में वाविलोवा को ड्यूरोव की कार में अज़रबैजान में यात्रा करते हुए दिखाया गया है, जबकि दूसरी पोस्ट में दोनों को एक ही होटल और शूटिंग रेंज में देखा गया है। इस तरह की तस्वीरों और वीडियो से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे दोनों नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि वे दोनों कब और कैसे मिले थे, लेकिन यह तथ्य स्पष्ट है कि दोनों ही दुबई में रहते हैं, जहां टेलीग्राम का मुख्यालय भी स्थित है।
साजिश और अफवाहें
वाविलोवा की अचानक हुई गुमशुदगी और पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी ने कई साजिशों और अफवाहों को जन्म दिया है। कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि वाविलोवा का उपयोग एक ‘हनी ट्रैप’ के रूप में किया गया हो सकता है ताकि ड्यूरोव को पकड़ने में मदद मिल सके। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
इन अटकलों के बावजूद, वाविलोवा की गुमशुदगी और ड्यूरोव की गिरफ्तारी के पीछे की सच्चाई अभी भी अस्पष्ट है। ड्यूरोव की कंपनी ने इस बात को स्पष्ट किया है कि ड्यूरोव न तो छुपे हुए थे और न ही भाग रहे थे। वे एक फ्रांसीसी नागरिक होने के नाते नियमित रूप से यूरोप की यात्रा करते रहते थे।
वाविलोवा की स्थिति पर बढ़ती चिंता
वाविलोवा की गुमशुदगी ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरी चिंता में डाल दिया है। उनके परिवार ने बताया कि उन्होंने वाविलोवा से संपर्क करने की कई कोशिशें की हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
वाविलोवा की सोशल मीडिया गतिविधियों और ड्यूरोव के साथ उनके संबंधों के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि वाविलोवा किस स्थिति में हैं और उनकी गुमशुदगी के पीछे क्या कारण है।
वाविलोवा की गुमशुदगी और ड्यूरोव की गिरफ्तारी के पीछे की सच्चाई को जानने के लिए जांच जारी है, लेकिन इस मामले ने पहले ही वैश्विक मीडिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान खींच लिया है।
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