Paralympics 2024: जानें कौन हैं ये 3 कोच जो भारत को दिलाएंगे पदक

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पेरिस पैरालंपिक्स 2024: इन तीन कोचों ने बनाई भारत की पदक की राह

भारत के पैरा-एथलेटिक्स खिलाड़ियों से इस बार पेरिस पैरालंपिक्स में बड़ी उम्मीदें हैं। इस मजबूत दल के पीछे तीन कोच हैं, जिन्होंने भारतीय पैरा खिलाड़ियों को पदक जीतने के लिए तैयार किया है। गौरव खन्ना, शिव प्रसाद, और आदित्य मेहता जैसे कोचों की कहानियां प्रेरणा से भरी हैं। आइए जानते हैं इन कोचों के संघर्ष और उनके योगदान के बारे में।

गौरव खन्ना: लोन लेकर तैयार की पैरा बैडमिंटन की नई पौध

भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के हेड कोच गौरव खन्ना की कहानी प्रेरणादायक है। घुटने की इंजरी के चलते 1998 में उनका करियर समाप्त हो गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गौरव ने दो करोड़ रुपये का लोन लेकर लखनऊ में पैरा बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत की। यहां 80 से ज्यादा पैरा खिलाड़ियों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है। तोक्यो पैरालंपिक्स में उनकी टीम ने चार मेडल जीते थे, और इस बार पेरिस में वह इस संख्या को दोगुना करने की उम्मीद कर रहे हैं।

शिव प्रसाद: दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए समर्पित कोच

दिव्यांग माइथ्री स्पोर्ट्स अकादमी के संस्थापक शिव प्रसाद ने अपने जीवन को दिव्यांग खिलाड़ियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। पोलियो की वजह से व्हीलचेयर पर आने के बावजूद, उन्होंने व्हीलचेयर क्रिकेट और टेनिस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। अब वह अपनी अकादमी के माध्यम से पूरे कर्नाटक में विकलांग खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनकी अकादमी को सीएसआर फंडिंग और व्यक्तिगत दान से सहायता मिलती है, लेकिन सरकारी मदद अभी तक नहीं मिली है। फिर भी, शिव प्रसाद की मेहनत के कारण कई दिव्यांग खिलाड़ी खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

आदित्य मेहता: पैरालंपिक्स में साइक्लिंग कोचिंग का नया आयाम

आदित्य मेहता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। बाइक हादसे में अपना एक पैर खोने के बाद, उन्होंने साइक्लिंग को अपनी जिंदगी का मकसद बनाया। उन्होंने 11 साल पहले हैदराबाद में एक संस्था की स्थापना की, जहां से अब कई पैरा साइक्लिस्ट एशियाई और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं। आदित्य की मेहनत का ही नतीजा है कि पेरिस पैरालंपिक्स में शेख अरशद और ज्योति गडेरिया जैसे साइक्लिस्ट पदक जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।


ये तीन कोच भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों को पदक की राह दिखा रहे हैं। पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में इनकी मेहनत का असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा।

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