Rahul gandhi on miss india reservation: रविवार को भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने गांधी की मानसिक स्वास्थ्य की जांच की आवश्यकता की बात की। तिवारी ने दावा किया कि राहुल गांधी सार्वजनिक रूप से सभी की जाति जानने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन अपनी जाति के बारे में जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। इस संदर्भ में तिवारी ने कहा, “राहुल गांधी को चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है, उनकी मानसिक स्वास्थ्य जांच कराई जानी चाहिए।”
जाति की जानकारी छिपाने पर उठाए सवाल
मनोज तिवारी ने कहा कि गांधी का यह रवैया बहुत चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी का अपना जाति संबंधी विवरण छिपाना और दूसरों की जाति के बारे में जानकारी मांगना, एक प्रकार की विडंबना है। तिवारी ने कहा, “जब उनसे अपनी जाति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें गालियां दी गई हैं। उनका यह तर्क कि दूसरों की जाति पूछना भी गाली देना है, बेहद विवादास्पद है।”
मिस इंडिया लिस्ट पर राहुल गांधी की आलोचना
यह विवाद तब बढ़ा जब राहुल गांधी ने मिस इंडिया प्रतियोगिता की सूची की आलोचना की और कहा कि इसमें दलित, आदिवासी और ओबीसी महिलाओं का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। गांधी ने कहा, “मैंने मिस इंडिया की सूची देखी, जिसमें कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी महिला नहीं थी। यह समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसे नजरअंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग क्रिकेट और बॉलीवुड के बारे में बात करेंगे, लेकिन मोची या प्लंबर जैसे वर्गों को कभी स्थान नहीं मिलेगा।”
किरण रिजिजू का पलटवार: ‘बाल बुद्धि’ पर टिप्पणी
संसदीय मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी की आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने गांधी के इस तर्क को ‘बाल बुद्धि’ करार दिया। रिजिजू ने कहा, “राहुल गांधी अब मिस इंडिया प्रतियोगिताओं, फिल्मों और खेलों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। यह केवल ‘बाल बुद्धि’ की समस्या नहीं है, बल्कि जो लोग उनकी सराहना करते हैं, वे भी उतने ही जिम्मेदार हैं। इस तरह की बयानबाजी समाज को विभाजित करने का काम करती है।”
जाति गणना की आवश्यकता पर राहुल गांधी का जोर
राहुल गांधी ने जाति गणना की महत्वपूर्णता पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जाति गणना की प्रक्रिया, एक एक्स-रे की तरह, हमें यह दिखाएगी कि किसके पास धन और संसाधन हैं, कौन सी जातियाँ सबसे अधिक हाशिए पर हैं, और कौन-कौन से परिवार बुनियादी जरूरतों और अवसरों की कमी का सामना कर रहे हैं। गांधी ने कहा, “जाति गणना से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि हमारे देश के विभिन्न संस्थानों में कौन प्रतिनिधित्व कर रहा है और कौन नहीं। यह सरकार, व्यापार, मीडिया और न्यायपालिका सभी क्षेत्रों में लागू होता है।
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